Power crisis :प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली कटौती होने लगी है. गांवों के साथ शहरों में केबल जलने की घटने लगातार हो रही हैं। शहरों में ट्रिपिंग और लो वोल्टेज से लोग परेशान हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में रोस्टर से करीब एक घंटे कम बिजली मिल रही है। बिजली कटौती बढ़ने की वजह से उमसभरी गर्मी में उपभोक्ताओं में हाहाकार मचा है।
ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं का कहना है कि बीच-बीच में कटौती का दौर जारी है। पॉवर काॅर्पोरेशन के आंकड़े भले आधे घंटे की कटौती का दावा कर रहे हैं, लेकिन लोकल फॉल्ट घंटों तक बना रहता है। इतना ही नहीं जहां ट्रांसफार्मर जल गए हैं, उन्हें बदलने में कई दिन लग रहा है। कई अवर अभियंता तो इस वजह से भी ट्रांसफार्मर बदलने में आनाकानी करते हैं क्योंकि उनके क्षेत्र में ट्रांसफार्मर जलने की घटना से जुड़े आंकड़े अधिक होने पर कार्रवाई की धमकी दी गई है।
अभियंताओं के सामने आगे कूंआ, पीछे खाई
कई अभियंताओं के सामने दोहरी समस्या है। ट्रांसफार्मर जलने की घटना पर कार्रवाई के साथ ही उपभोक्ताओं के गुस्से का भी शिकार होना पड़ता है। अभियंताओं ने बताया कि एक तरफ तापमान बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ बिजली की मांग अधिक है। ऐसे में ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो जाते हैं। उन्हें ठंडा रखने के इंतजाम भी पूरे नहीं हैं। ऐसे में कुछ देर के लिए फीडरवार कटौती की जाती है ताकि ट्रांसफार्मर जलने की संख्या नियंत्रित रहे।
क्षेत्र रोस्टर आपूर्ति
ग्रामीण 18 घंटे 17.31 घंटे
नगर पंचायत 21.30 घंटे 20.45 घंटे
तहसील 21.30 घंटे 21 घंटे
बुंदेलखंड 20 घंटे 19 घंटे
जिला मुख्यालय 24 घंटे 24 घंटे
इन दिनों में हुई मांग
10 जून 31242 मेगावाट
11 जून 31486 मेगावाट
12 जून 31415 मेगावाट
13 जून को 31420 मेगावाट
