
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां प्रेम-प्रसंग के चलते एक डॉक्टर की जान मुश्किल में पड़ गई। आरोप है कि महिला के पहले प्रेमी ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर डॉक्टर का अपहरण कर लिया, उसे बेरहमी से पीटा और तीन दिनों तक एक लाख रुपये की फिरौती की मांग करता रहा।
महिला से नजदीकी पड़ी भारी
डॉक्टर साधन मंडल, जो कि अमेठी के भाले सुल्तान थाना क्षेत्र के रानीगंज में साधन मंडल आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक क्लीनिक चलाते हैं, मूल रूप से उत्तर 24 परगना (कोलकाता) के रहने वाले हैं। वह कुछ समय से एक महिला के संपर्क में थे। वहीं, इस महिला का मंटू मिश्र उर्फ धीरेंद्र कुमार मिश्र नामक व्यक्ति से पांच वर्षों से प्रेम संबंध था।
मंटू मिश्र को डॉक्टर और महिला की बढ़ती नजदीकियां रास नहीं आईं। उसने अपने चार साथियों के साथ डॉक्टर को सबक सिखाने की योजना बनाई और 27 जून की रात लगभग 10 बजे डॉक्टर को उनके अंबेडकरनगर स्थित आवास से जबरन चार पहिया वाहन में उठा लिया गया।
मारपीट, बंधक बनाकर फिरौती की मांग
अपहरण के बाद डॉक्टर को मिल्कीपुर ले जाया गया, जहां ट्यूबवेल के पास हाथ-पैर बांधकर रातभर बंधक बनाकर रखा गया। मंटू मिश्र ने मौके पर पहुंचकर उसे पीटा और कहा कि महिला से उसका वर्षों पुराना संबंध है। इसके बाद उसने अपने साथियों से कहा, “इसे दूर ले जाकर मार दो और लाश फेंक दो।”
हालांकि, आरोपी डॉक्टर की हत्या करने से पहले फिरौती की लालच में पड़ गए। उन्होंने डॉक्टर के भांजे सुजीत विश्वास को फोन कर एक लाख रुपये की मांग की और डॉक्टर को इधर-उधर घुमाते रहे।
नाटकीय ढंग से हुई डॉक्टर की रिहाई
29 जून की सुबह करीब 5 बजे, आरोपी डॉक्टर को लेकर टांडा कोतवाली क्षेत्र के मुबारकपुर पहुंचे और एक दुकान पर नाश्ता करने लगे। इसी बीच डॉक्टर मौका पाकर वाहन से उतर गया और भागकर घाघरा नदी किनारे छिप गया। देर रात वह किसी तरह टांडा कोतवाली पहुंचा और पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी।
मुकदमा दर्ज, एक नामजद हिरासत में
डॉक्टर साधन मंडल की तहरीर पर पुलिस ने मंटू मिश्र उर्फ धीरेंद्र कुमार मिश्र व चार अज्ञात साथियों के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मंटू मिश्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
टांडा कोतवाल दीपक सिंह रघुवंशी ने बताया कि पीड़ित के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है और मामले की जांच जारी है।
यह मामला न सिर्फ प्रेम-प्रसंग की जटिलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि निजी रंजिश किस कदर गंभीर अपराधों में बदल सकती है।
