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उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर स्थित रतापुर चौराहे के पास बने फुट ओवर ब्रिज का आधा हिस्सा अचानक धराशायी हो गया। सौभाग्य से, घटना के वक्त ब्रिज के नीचे से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, वरना कई जानें जा सकती थीं।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक, यह फुट ओवर ब्रिज वर्ष 2019 में एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि रतापुर क्षेत्र के आसपास मौजूद स्कूलों के छात्र-छात्राएं सुरक्षित ढंग से सड़क पार कर सकें।
मंगलवार को अचानक इस ब्रिज का आधा हिस्सा टूटकर हाईवे पर आ गिरा। यह हादसा रतापुर चौराहे के समीप हुआ, जहां आमतौर पर दिनभर भारी ट्रैफिक रहता है। रोजाना 10,000 से ज्यादा वाहन इस रूट से गुजरते हैं, ऐसे में इस दुर्घटना के दौरान कोई बड़ा हादसा न होना राहत की बात रही।
लोगों में मची अफरातफरी, ट्रैफिक हुआ प्रभावित
हादसे के बाद स्थानीय लोग दहशत में आ गए, घटनास्थल पर भीड़ जुट गई। देखते ही देखते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, और हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और ब्रिज के गिरे हिस्से को हटाने का कार्य शुरू किया गया।
ट्रैफिक पुलिस ने फौरन वैकल्पिक मार्गों का उपयोग कराकर जाम को धीरे-धीरे खुलवाया।
ब्रिज गिरने का कारण अज्ञात, जांच के आदेश
फुट ओवर ब्रिज के गिरने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। एनएचएआई के अधिकारियों को सूचना दे दी गई है, और उनके पहुंचने के बाद तकनीकी जांच शुरू की जाएगी।
बताया जा रहा है कि ब्रिज के निर्माण की गुणवत्ता और पिछले रखरखाव रिकॉर्ड की भी समीक्षा की जाएगी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ब्रिज की हालत पहले से जर्जर थी, लेकिन नियमित मरम्मत नहीं कराई गई।
भविष्य की कार्यवाही
फिलहाल ब्रिज के गिरे हिस्से को हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, ताकि सड़क यातायात बहाल किया जा सके। एनएचएआई और संबंधित निर्माण एजेंसी के बीच ब्रिज की मरम्मत या पुनर्निर्माण को लेकर चर्चा चल रही है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सभी ओवरब्रिज और फुटब्रिज की सुरक्षा ऑडिट कराई जाएगी।
