लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सोमवार से एक विशेष अभियान की शुरूआत की गई। इस अभियान का नाम है “नो हेलमेट, नो फ्यूल” । इस अभियान की निगरानी कोई और नहीं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद करेंगे। ऐसे में यूपी की सड़कों पर अब बिना हेलमेट के चलने वाले दोपहिया चालकों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि योगी सरकार ने सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 1 से 30 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में नो हेलमेट, नो फ्यूल विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इस पहल के तहत, यदि कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पेट्रोल पम्प पर पहुंचता है तो उसे पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।
दरअसल, सरकार का मानना है कि यह कदम दंडात्मक कार्रवाई से अधिक लोगों को सुरक्षा के महत्व का एहसास कराने वाला है। अभियान की बागडोर जिलाधिकारी के हाथों में होगी और जिला सड़क सुरक्षा समिति (DRSC) इसके संचालन में सक्रिय भूमिका निभाएगी। लखनऊ से भी इस अभियान की मॉनिटरिंग होगी।
बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 स्पष्ट रूप से दोपहिया चालक और पीछे बैठने वाले सवार दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करती है। वहीं धारा 194D उल्लंघन करने वालों पर दंड का प्रावधान भी देती है। सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति ने भी राज्यों को चेताया है कि सड़क पर होने वाली मौतों को कम करने के लिए हेलमेट अनुपालन को सख्ती से लागू किया जाए।
