समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर जेल में ही रहेंगे। उन्हें कैदी नंबर 425 और 426 के रूप में जाना जाएगा। जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों की दी जाने वाली यूनिफॉर्म भी पिता-पुत्र को दी गई है। हालांकि जेल प्रशासन का कहना है कि यह नंबर कैदियों के रजिस्टर संख्या के अनुसार हैं।
सपा नेता आजम खां 10 बार शहर के विधायक, चार बार प्रदेश की सरकार में कैबिनेट मंत्री और एक-एक बार लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। यूपी के मिनी उपमुख्यमंत्री कहलाए जाने वाले सपा नेता आजम खां के सितारे इस वक्त गर्दिश में चल रहे हैं। सरकार से बाहर होने के बाद एक के बाद एक 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो गए। अब तक उन्हें सात मामलों में सजा भी सुनाई जा चुकी है। हाल ही में दो पैन कार्ड मामले में आजम खां को बेटे अब्दुल्ला आजम खां के साथ सात साल की सजा सुनाई गई थी। सजा के बाद उनको रामपुर की जेल में रखा गया है। जेल में जेल मेनुअल के अनुसार उनको रखा जा रहा है। जेल में ही उनकी पहचान के लिए नंबर भी दिया गया है। सपा नेता आजम खां को 425 जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 426 नंबर दिया गया है। इसके अलावा उनको सजायाफ्ता कैदियों की दी जानी वाली यूनिफॉर्म भी दी जा चुकी है। जेल अधीक्षक राजेश यादव का कहना है कि जेल मैनुअल के अनुसार ही दोनों को रखा जा रहा है। जहां तक नंबर का सवाल है, सभी कैदियों के लिए रजिस्टर बना होता है। आने वाले कैदियों का नंबर जरूर लिखा जाता है। क्रम संख्या 425 पर सपा नेता आजम खां का नाम है, जबकि 426 पर अब्दुल्ला आजम का नाम है।
अभी रामपुर जेल में ही रहेंगे आजम खां
दो पैन कार्ड मामले में रामपुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर जेल में ही जेल मैनुअल के हिसाब से सुविधाएं दी जाएंगी। यदि उन्हें दूसरी जेल में स्थानांतरित करना पड़े तो उससे पहले जेल प्रशासन को कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। कोर्ट ने आजम की बेटे के साथ रहने की बात को भी मान लिया है। यह फैसला एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां के अधिवक्ताओं की ओर से दाखिल प्रार्थनापत्र पर दिया। कोर्ट ने सपा नेता के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाते हुए कहा है कि जेल प्रशासन राजनीतिक कैदियों के लिए निर्धारित मैनुअल के हिसाब से सुविधा प्रदान करें। यदि दोनों को रामपुर जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित करना है तो इससे पहले कोर्ट से अनुमति जरूर लें। इसके अलावा कोर्ट ने आजम खां की अब्दुल्ला को साथ में रखने की अनुमति भी दे दी है। इस मुकदमे के वादी एवं शहर विधायक आकाश सक्सेना के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि कोर्ट ने अपने प्रार्थनापत्र पर फैसला सुना दिया है।
शासन के निर्देश के अनुसार होगी कार्रवाई
जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि सपा नेता आजम खां की जेल शिफ्टिंग के मामले में जो भी शासन का आदेश आएगा उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।
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