एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और मेरठ आज सुबह 349 AQI के साथ गंभीर श्रेणी में दर्ज हुआ। पल्लवपुरम 366 AQI के साथ सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा।
पिछले एक महीने से हवा की गुणवत्ता सुधारने के सभी प्रयास नाकाम नजर आ रहे हैं। धीमी हवा, बारिश न होने और खुले में कूड़ा जलने की वजह से हवा में जहरीले कणों की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। आने वाले दिनों में भी राहत की उम्मीद कम है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रविवार को जारी देश के 248 शहरों की सूची में वायु प्रदूषण में मेरठ सातवें स्थान पर रहा। एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले में पांचवें नंबर पर सूचीबद्ध किया गया है। खतरनाक स्तर पर प्रदूषित हवा में सांस लेने में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। शहर में पिछले एक महीने से वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है। न सुबह की हवा साफ है, न रात की। प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत, सीने में भारीपन और आंखों में जलन की समस्याएँ बढ़ रही हैं।
महीने भर से मेरठ समेत आसपास के जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खराब श्रेणी में चल रहा है। वायु प्रदूषण को देखते हुए जो ग्रेप सिस्टम के दावे किए गए थे, वह फेल साबित होते दिखाई दे रहे हैं।
धीमी हवा और बारिश न होने से बढ़ रहा प्रदूषण
पिछले 10 दिन से हवा की रफ्तार बेहद धीमी है, जिसके कारण प्रदूषण और भी ज्यादा बढ़ गया है। बारिश न होने से हवा में मौजूद धूल और प्रदूषक नीचे नहीं बैठ रहे। मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही के अनुसार, जब तक हवा तेज और साफ दिशा में नहीं चलेगी, तब तक प्रदूषण में कोई सुधार नहीं होगा। अगले दो–तीन दिनों में तापमान में 1–2 डिग्री की गिरावट की संभावना है, लेकिन इससे प्रदूषण के स्तर पर खास असर नहीं पड़ेगा।
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