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भारत के लिए गर्व का पल—लखनऊ में जन्मे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में कदम रखते ही तिरंगे के साथ एक ऐतिहासिक संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, “मेरे कंधों पर तिरंगा है, इसका मतलब है कि मैं आप सभी से जुड़ा हूं। यह सिर्फ मेरी नहीं, भारत की अंतरिक्ष उड़ान की शुरुआत है।”
शुक्ला ने बुधवार को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेसएक्स के ‘ड्रैगन’ अंतरिक्ष यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा शुरू की। यह मिशन Axiom-4 (AX-4) के तहत अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।
41 साल बाद भारत का नाम फिर अंतरिक्ष में
अपने संदेश में शुभांशु ने भावुक स्वर में कहा:
“नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों, 41 साल बाद हम फिर अंतरिक्ष में हैं। 7.5 किमी/सेकंड की रफ्तार से धरती की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधे पर भारत का तिरंगा है – यह सिर्फ ISS तक की यात्रा नहीं, भारत की भविष्य की अंतरिक्ष उड़ानों की शुरुआत है।”
AX-4 मिशन के मुख्य यात्री
इस अंतरराष्ट्रीय मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ शामिल हैं:
- 🇺🇸 पैगी व्हिटसन (अमेरिका) – मिशन कमांडर और पूर्व NASA कमांडर
- 🇭🇺 टिबोर कपू (हंगरी) – मिशन स्पेशलिस्ट
- 🇵🇱 स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड) – मिशन स्पेशलिस्ट
- 🇮🇳 शुभांशु शुक्ला (भारत) – मिशन पायलट
यह AX-4 मिशन स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस की साझेदारी में संचालित किया गया, जिसमें एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की तकनीक का इस्तेमाल हुआ।
कई बार टला, अंततः सफल प्रक्षेपण
AX-4 मिशन का प्रक्षेपण मूल रूप से 29 मई को निर्धारित था। लेकिन तकनीकी कारणों और ISS के रूसी मॉड्यूल में रिसाव के चलते इसे कई बार टालना पड़ा। आखिरकार 22 जून को, सभी तकनीकी बाधाओं को पार करते हुए मिशन को लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से रवाना किया गया।
🇮🇳 भारत के लिए क्या है इस मिशन का महत्व?
- भारत की ओर से 41 वर्षों में पहली बार किसी यात्री ने अंतरिक्ष में कदम रखा है।
- शुभांशु शुक्ला की उपस्थिति ने भारत को वैश्विक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों में एक नई पहचान दी है।
- इस मिशन को भारत की भविष्य की मानव अंतरिक्ष योजनाओं के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।
शुभांशु का संदेश: सिर्फ विज्ञान नहीं, भावना भी
इस संदेश में तिरंगे का ज़िक्र केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि यह इस बात की घोषणा भी थी कि भारत न केवल तकनीकी क्षमता, बल्कि राष्ट्रीय गर्व और भावना के साथ अंतरिक्ष अन्वेषण में आगे बढ़ रहा है।

Image: Shubanshu’s Parents
फ्लोरिडा के NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से आज दोपहर Axiom-4 मिशन के तहत भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की ओर रवाना हुए। शुभांशु अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर हैं।
लॉन्चिंग के वक्त का भावुक माहौल:
शुभांशु की लॉन्चिंग के दौरान उनके परिवार—मां आशा शुक्ला, पिता शंभू दयाल शुक्ला और बहनें—भावुक हो उठे। सभी ने एक-दूसरे को गले लगाया और गर्व से भर गए।
परिवार की प्रतिक्रिया:
- मां आशा शुक्ला ने कहा: “यह पूरे देश और त्रिवेणी नगर के लिए गर्व का क्षण है। बहू का सहयोग बेहद अहम रहा है।”
- पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा: “मिशन की सफलता के लिए हम भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं। वह लखनऊ और देश का नाम रोशन कर रहा है।”
निष्कर्ष: अंतरिक्ष में लहराया भारत
भारत अब केवल ग्राउंड कंट्रोल तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके कंधों पर तिरंगा लिए अंतरिक्ष यात्री वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। शुभांशु शुक्ला का संदेश इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया—भारत अब अंतरिक्ष की दौड़ में सिर्फ सहभागी नहीं, भागीदार भी है।
