Air India Fight Crash Update: भारत सरकार ने एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता को शामिल करने से मना कर दिया है। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें 274 लोगों की जान चली गई। संयुक्त राष्ट्र की एविएशन एजेंसी ने भारत को जांच में मदद के लिए एक जांचकर्ता की पेशकश की थी। अब भारत ने इस पर बड़ा फैसला लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता को एयर इंडिया फ्लाइट हादसे की जांच में शामिल होने से मना कर दिया।
भारत ने क्यों ठुकराया यूएन वाला प्रस्ताव
कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस मामले में ब्लैक बॉक्स के डेटा एनालिसिस में देरी को लेकर सवाल उठाए थे। इस दौरान यूएन की विमानन एजेंसी ने भारत को मदद के लिए जांचकर्ता भेजने की पेशकश की थी, जिसे भारत ने अस्वीकार कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की विमानन एजेंसी ICAO ने भारत को जांच में मदद करने के लिए एक जांचकर्ता भेजने की बात कही थी, लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया .
पहले भी ICAO देता रहा है मदद
पहले, ICAO ने कुछ जांच में मदद के लिए अपने इन्वेस्टिगेटर्स भेजे थे। उदाहरण के लिए, 2014 में मलेशियाई विमान को मार गिराए जाने और 2020 में यूक्रेनी जेटलाइनर हादसे में ICAO ने मदद की थी। हालांकि, उन मामलों में एजेंसी को मदद के लिए कहा गया था। इस बार, ICAO ने खुद मदद की पेशकश की थी, जिसे भारत ने स्वीकार नहीं किया। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस मामले की जांच कर रहा है। AAIB ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। ICAO से भी तुरंत कोई जवाब नहीं मिला है।
एविएशन मिनिस्ट्री ने हादसे की जांच पर क्या कहा
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि दुर्घटना के लगभग दो हफ्ते बाद फ्लाइट रिकॉर्डर का डेटा डाउनलोड कर लिया गया था। हालांकि, पहले सुरक्षा विशेषज्ञों ने जांच के बारे में जानकारी की कमी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने 13 जून को मिले ब्लैक बॉक्स और 16 जून को मिले दूसरे सेट के बारे में भी पूछा था। यह भी सवाल उठाया गया कि रिकॉर्डर को भारत में पढ़ा जाएगा या अमेरिका में। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका का राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (National Transportation Safety Board) भी जांच में शामिल है।
