
बलरामपुर/उत्तर प्रदेश:उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार झांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन पर योगी सरकार ने तगड़ा एक्शन लिया है। बाबा की मधपुर गांव स्थित आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाया गया, जिसे सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाया गया था।
अवैध धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश एटीएस ने चार दिन पहले झांगुर बाबा को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। उसके साथ उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन भी पकड़ी गई थी। पूछताछ में सामने आया कि झांगुर बाबा ने बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र के मधपुर गांव से धर्मांतरण रैकेट की शुरुआत की थी।
मुम्बई से लेकर लखनऊ तक, उसने कई लोगों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया। बताया गया कि इस कार्य के लिए उसे विदेशी फंडिंग भी मिलती थी। हाल ही में गोमतीनगर (लखनऊ) में जिन लोगों ने इस्लाम कबूल किया था, उन्होंने वापस हिंदू धर्म में घर वापसी की है।
बाबा की कोठी पर चला बुलडोजर
सोमवार देर शाम, उतरौला के तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति और इंस्पेक्टर अवधेश राज सिंह भारी पुलिस बल के साथ झांगुर की कोठी पर पहुंचे। यहां नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर नोटिस चस्पा की गई, जिसमें कहा गया कि ग्राम सभा मधपुर की सरकारी जमीन (गाटा संख्या 337/370, रकबा 0.0060 हेक्टेयर) पर अवैध रूप से निर्माण किया गया है।
इसके बाद प्रशासन ने बेदखली का आदेश पारित कर दिया और मंगलवार सुबह बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हुई।
क्या है आरोप?
- झांगुर बाबा पर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और धर्मांतरण कराने का संगठित रैकेट चलाने का आरोप है।
- सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनवाई गई कोठी को अब ज़मींदोज किया जा रहा है।
- आर्थिक फंडिंग और नेटवर्क की जांच अब एनआईए और अन्य एजेंसियों द्वारा की जा रही है।
बाबा के काले कारनामों का अड्डा थी यह कोठी
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह कोठी ही झांगुर बाबा के तमाम आपराधिक गतिविधियों का केंद्र थी। यहीं से वह धर्मांतरण की साजिशें रचता था और अपने नेटवर्क को संचालित करता था। पुलिस ने इस कोठी से कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं।
योगी सरकार का संदेश स्पष्ट: धर्मांतरण या कब्जा – बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर अमल करते हुए साफ संदेश दे दिया है कि अवैध धर्मांतरण जैसे मामलों में कोई रियायत नहीं मिलेगी, और ऐसे लोगों पर प्रशासनिक शिकंजा लगातार कसता रहेगा।
