CM Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) ने अपनों को पीछे छोड़कर लगातार चार वर्ष सरकार चलाने का रिकॉर्ड तो बना लिया लेकिन अभी एक रिकार्ड तोड़ना बाकी है। 25 वर्ष के राज्य में अभी तक 12 मुख्यमंत्री हुए हैं लेकिन पांच वर्ष सरकार चलाने का तमगा कांग्रेस सरकार और नारायण दत्त तिवारी के नाम पर है। भाजपा नेतृत्व भी कतई नहीं चाहता है कि राज्य में पूर्व मुख्यमंत्रियों का कोई क्लब बने। यही कारण है पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) की चुनावी हार के बाद शीर्ष नेतृत्व ने कमान उनके हाथ से वापस नहीं ली। लगभग हर चुनाव में कांग्रेस की ओर से आरोप भी यही लगता रहा है कि भाजपा स्थिर सरकार नहीं दे पाती है।
भाजपा ने राज्य में चले आ रहे कई मिथक और धारणा को तोड़ा है। हर पांच साल बाद दूसरे दल की सरकार, उत्तराखंड के लिए रटी रटाई राजनीतिक टिप्पणी अब नहीं होती है। भाजपा अब इस धारणा को भी तोड़ना चाहती है कि सिर्फ तिवारी सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) ने चार साल का कार्यकाल पूरा किया है लेकिन इसमें उनकी पुरानी सरकार का हिस्सा भी शामिल है।
धामी शीर्ष नेतृत्व की कसौटी पर खरे साबित हुए
धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) ने अपने नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी बतौर मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए। भुवन चंद खंडूड़ी भी उस मुकाम पर नहीं पहुंचे। रमेश पोखरियाल निशंक भी उस पहाड़ी पर नहीं चढ़ सके जहां तिवारी जी का झंडा लगा हुआ है। भाजपा की सरकारों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह वर्तमान सरकार को भी समय-समय पर परीक्षाएं देनी पड़ रही हैं लेकिन कहीं न कहीं धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) शीर्ष नेतृत्व की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं।
उत्तराखंड को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अतिरिक्त सावधान है। राज्य के नेताओं के बीच न सिर्फ संतुलन बना दिया है बल्कि बीच-बीच में मुख्यमंत्री धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) की पीठ पर थपथपाकर पूरी पार्टी को संदेश भी दे देती है। आज से कुछ साल पहले तक राज्य की पुरानी भाजपा को देखें तो संगठन और सरकार के बीच खुलेआम खींचतान दिखती थी। इन चार वर्षो में पार्टी ने इस धारणा को भी तोड़ा है। इसका एक बड़ा संकेत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर सांसद महेंद्र भट्ट की वापसी से जोड़कर देखा जा रहा है। एक बार फिर पार्टी के नेताओं और खासकर कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया गया है।
कैसी रही चार साल की यात्रा:
CM पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) के लिए उनके चार साल की यात्रा सुखद है। मुख्यमंत्री और प्रदेश नेतृत्व ने मिलकर 2027 में विधानसभा के चुनाव का खाका भी तैयार कर लिया है। सरकार की योजनाओं और कामकाज को लेकर विपक्ष भी उतना आक्रामक नहीं दिखता है जिससे धामी सरकार (CM Pushkar Singh Dhami ) के कदम ठिठकते दिखें। पूर्व की भाजपा सरकारों के कार्यकाल पूरा न होने कारण भी विपक्ष नहीं था, अपनों ने ही कटघरे में खड़ा किया था। वर्तमान परिदृश्य में धामी सरकार (CM Pushkar Singh Dhami ) के सामने पांच साल की सरकार पूरी करने की चुनौती आसान दिखती है।
