यूएस टैरिफ से जुड़ी चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक बहुत बड़ी खबर आई है। इंडियन इकोनॉमी ने उम्मीद से बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है। 28 नवंबर को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार तीसरी तिमाही में अपनी शानदार रफ्तार जारी रखी है, जुलाई-सितंबर में जीडीपी ग्रोथ रेट 6 तिमाहियों के उच्चतम स्तर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गया, जबकि पिछली तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत थी।
इससे पहले आर्थिक विश्लेषकों ने दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7% से 7.5% के बीच रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन, यह उनकी इस उम्मीद से कई ज्यादा बेहतर रही।
वास्तविक जीडीपी में कितनी बढ़ी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार स्थिर कीमतों पर वास्तविक इस तिमाही में ₹48.63 लाख करोड़ पहुंच गई, जो पिछले साल ₹44.94 लाख करोड़ थी। नाममात्र जीडीपी में 8.7% और वास्तविक जीवीए में 8.1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विनिर्माण क्षेत्र ने सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए 9.1% की वृद्धि दिखाई, जबकि कृषि क्षेत्र 3.5% पर रहा। खपत के मोर्चे पर आम लोगों का निजी उपभोग 7.9% बढ़ा, जो पिछले साल के 6.4% से काफी बेहतर है। निवेश के संकेतक पूंजी निर्माण में भी 7.3% की मजबूत वृद्धि दर्ज हुई।
दूसरी तरफ सरकारी खर्च में नाममात्र आधार पर 2.7% की गिरावट आई, यानी सरकार ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखा है।कुल मिलाकर विनिर्माण की तेज रफ्तार, मजबूत घरेलू मांग और निवेश में सुधार के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होने का अपना तमगा बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसत विकास दर अब करीब 8% के आसपास पहुंच गई है, जो पूरे साल के लिए ऊंचे अनुमानों को और पुख्ता कर रही है।
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