दो पैन कार्ड मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की कैद व 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आदेश के बाद आजम खां और अब्दुल्ला आजम को जेल भेज दिया गया है। सपा नेता आजम खां को पता था कि कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आ सकता है। इसलिए वह घर से ही दो बिस्किट के पैकेट लेकर निकले थे। जेल के अंदर जाने के दौरान उनके एक हाथ में दो पैकेट बिस्किट के थे।
जेल के गेट के सामने उन्होंने अपने बड़े बेटे को गले लगाया। अब्दुल्ला आजम भी भाई के गले मिले। तीनों इस दौरान भावुक हो गए। पुलिस दोनों को कड़ी सिक्योरिटी में कोर्ट से करीब 400 मीटर दूर बोलेरो से रामपुर जेल लेकर गई। आजम बोलेरो से उतरे तो एक हाथ में चश्मे का केस, दो पैकेट बिस्किट था। फिर अब्दुल्ला गाड़ी से उतरे, उनके खाली हाथ थे।
लखनऊ नगर निगम से बनाया था फर्जी जन्म प्रमाणपत्र
आजम खां 2017 में नगर विकास मंत्री थे। उन्होंने अपने रसूख के दम पर लखनऊ नगर निगम से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया था। उसी पत्र के आधार पर फर्जी पैन कार्ड बनवाकर बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़ाया था। रामपुर कोर्ट का यह फैसला आजम खान के खिलाफ दर्ज 104 मुकदमों में से एक है। अब तक अदालत 11 मामलों में फैसला सुना चुकी है। इनमें से छह मामलों में आजम खां को सजा हो चुकी है। वहीं, पांच मामलों में उन्हें बरी किया गया है। यह सातवां केस था जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई है।
पांच साल की सजा होती तो छूट सकते थे आजम
आजम खां को अगर पांच साल की सजा होती तो कोर्ट उन्हें जमानत पर छोड़ सकता था। वो पांच साल की सजा पूरी कर चुके हैं। लेकिन इस केस में उन्हें सात साल की सजा हुई है। इस कारण उन्हें जेल जाना पड़ा। दो पैन कार्ड मामले में सात साल की सजा होने के बाद सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट से ही जेल भेज दिया गया। आजम खां ने जेल में अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ रहने की इच्छा जताई है। उन्होंने कोर्ट से ए श्रेणी की सुरक्षा वाली जेल में दोनों को एक साथ रखने के लिए कहा है। कोर्ट उनके इस प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सुनवाई करेगी।
सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने दो पैन कार्ड मामले में सात-सात साल की सजा व पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। सजा सुनते ही सपा नेता आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम अवाक रह गए। दोनो के अधिवक्ताओं ने इसके बाद एमपी-एमलए कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उन्होंने दोनों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया। कहा कि उनको ए श्रेणी की सुरक्षा वाली जेल में रखा जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना था कि आजम खां व अब्दुल्ला आजम को एक ही जेल में रखा जाए। दोनों को अलग-अलग जेल में न रखा जाए। उनकी ओर से सपा नेता आजम खां की सेहत का भी हवाला दिया गया। कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगी
जन्म प्रमाणपत्र के मामले में आजम परिवार को हो चुकी सात साल की कैद
दो पैन कार्ड से पहले सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट 18 अक्तूबर 2023 को अब्दुल्ला आजम के साथ ही उनके पिता आजम खां व मां डॉ. तजीन फात्मा को सात-सात साल की कैद व 50:50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई जा चुकी है। इस मामले में फिलहाल हाईकोर्ट से उनको जमानत मिल चुकी है।
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