
मेरठ के सौरभ हत्याकांड और गाजीपुर के राजा रघुवंशी हत्याकांड जैसे चर्चित मामलों के बाद अब मुरादाबाद से भी एक ऐसा ही चौंकाने वाला प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है।
मामला मझोला थाना क्षेत्र का है, जहां एक युवक ने अपनी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवक का कहना है कि उसकी पत्नी का एक युवक से प्रेम संबंध है और उसने अपनी नन्हीं बच्ची की मौजूदगी में पति की गैरमौजूदगी का फायदा उठाते हुए प्रेमी को घर बुला लिया।
फोन कॉल से शुरू हुआ शक
पीड़ित पति का कहना है कि दो साल पहले उसकी शादी कुंदरकी क्षेत्र की रहने वाली युवती से हुई थी। दंपती की एक बेटी भी है। शादी के कुछ समय बाद से ही पत्नी के व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो गया था। वह घंटों फोन पर बात करती रहती थी। जब पति ने इस पर आपत्ति जताई, तो उल्टा पत्नी ने उसे दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करवाने की धमकी दे दी।
पति ने पकड़ा रंगे हाथ
गुरुवार को पति को आस-पड़ोस से सूचना मिली कि घर में कोई बाहरी शख्स मौजूद है। जब वह घर पहुंचा, तो दरवाजा खोलते ही नजारा देखकर हैरान रह गया। उसकी पत्नी अपने प्रेमी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाई गई। दोनों को रंगे हाथ पकड़ने के बाद वहां हंगामा मच गया और सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस दोनों को चौकी लेकर गई।
पत्नी की धमकी ने बढ़ाई चिंता
पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया कि उसने पत्नी की हरकतों के चलते कई बार पंचायत भी कराई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। घटना के बाद जब वह पत्नी से बातचीत के लिए घर पहुंचा तो पत्नी ने उसे धमकाया— “मुझे छोड़ दो, नहीं तो प्रेमी संग मिलकर तुम्हें जान से मरवा दूंगी।”
पति ने खुद को असुरक्षित बताते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों की मानें तो परिवार परामर्श केंद्र को भी इस केस में शामिल किया जा सकता है ताकि घरेलू विवाद का समाधान निकाला जा सके।
मामला क्यों गंभीर है?
- पति को अपनी जान का खतरा है, जिसकी उसने बाकायदा शिकायत दी है।
- महिला की धमकियां कानूनी रूप से धारा 506 (धमकी देना) और 498A (घरेलू उत्पीड़न) के अंतर्गत आ सकती हैं।
- एक बच्ची इस पूरे विवाद की केंद्र में है, जिससे जुड़े मानवाधिकार पहलू भी जांच में अहम होंगे।
निष्कर्ष:
यह मामला सिर्फ एक घरेलू विवाद नहीं, बल्कि बढ़ते हुए विवाहेतर संबंधों और कानून के दुरुपयोग की आशंकाओं की ओर भी इशारा करता है। पुलिस को अब यह सुनिश्चित करना है कि दोनों पक्षों को न्याय मिले और बच्ची की परवरिश पर कोई असर न पड़े।
