राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह को लेकर राम मंदिर परिसर में मेहमानों के बैठने के लिए बनाए गए ब्लॉकों की संख्या 15 से बढ़ाकर 19 कर दी गई है। आठ स्थानों पर भोजनालय का शुभारंभ किया गया है। वहीं, हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास ने बताया कि हनुमानगढ़ी में पीएम के आगमन की कोई सूचना नहीं है, पहले उन्हें हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए आना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले रामनगरी का हर मोड़, मंदिर-मार्ग और घर-आंगन दिव्यता से झिलमिला उठा है। कार्यक्रम में आंशिक बदलाव के चलते पीएम मोदी इस बार हनुमानगढ़ी दर्शन करने नहीं जाएंगे।
ध्वजारोहण समारोह राम मंदिर की पूर्णता का संदेश है और मंदिर में राजाराम भी विराजित हो गए हैं। ऐसे में राजाराम के स्वागत को लेकर रामनगरी वैसे ही सजधज रही है जैसे राम आगमन पर अवधपुरी निखरी होगी। हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास ने बताया कि हनुमानगढ़ी में पीएम के आगमन की कोई सूचना नहीं है, पहले उन्हें हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए आना था। उधर राम मंदिर परिसर में मेहमानों के बैठने के लिए बनाए गए ब्लॉकों की संख्या 15 से बढ़ाकर 19 कर दी गई है। रविवार को हर एक ब्लॉक में कुर्सियां लगाने का काम चलता रहा। मेहमानों को प्रवेशिका भी दी जाने लगी है, इस पर अंकित क्यूआरकोड को स्कैन करने के बाद उनकी पहचान होगी, फिर उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा। मेहमानों का आगमन सोमवार से शुरू हो जाएगा। कारसेवक पुरम व तीर्थ क्षेत्र पुरम में मेहमानों की सुविधा के लिए कार्यालय भी खोल दिए गए हैं। अवध, काशी, गोरक्ष व कानपुर प्रांत के अलग-अलग कार्यालय बनाए गए हैं।
कई समाज के प्रतिनिधि होंगे शामिल
ध्वजारोहण समारोह के लिए संघ ने पूरी ताकत झोंक दी है। मैराथन बैठकों का दौर जारी है। रविवार को भी राममंदिर के यात्री सुविधा केंद्र में बैठक हुई। बैठक में जिन समाज के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं उसकी भी जानकारी दी गई। इनमें कहार, बारी, बक्सोर, नाई, कुम्हार, गड़ेरिया, लोधी, यादव, माली, धोबी, लोहार, तमोली, पासी, वाल्मीकि, रविदास, बहेलिया, कसौधन, नट, कुर्मी, सिख और अन्य समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अलावा मुस्लिम, सिख व जैन धर्म से भी मेहमान आमंत्रित हैं।
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