
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नगरी वाराणसी मंगलवार को ऐतिहासिक क्षणों की साक्षी बनी, जब यहां मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक का आयोजन हुआ। इस उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया।
‘मजबूत राज्य ही मजबूत राष्ट्र बनाते हैं’: अमित शाह
अमित शाह ने बैठक के उद्घाटन संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद’ के दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने कहा, “मजबूत राज्य ही मजबूत राष्ट्र बनाते हैं। मध्य क्षेत्रीय परिषद राज्यों के बीच आपसी सहयोग और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने का प्रभावी मंच है।” उन्होंने चारों राज्यों में भाजपा सरकारों की उपस्थिति को “नीतिगत सामंजस्य और समन्वय” का प्रतीक बताया।
योगी आदित्यनाथ: ‘टीम इंडिया’ के दृष्टिकोण को साकार करने वाला कदम
मेजबान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक को “टीम इंडिया” के दृष्टिकोण को साकार करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह परिषद संघीय एकता, राष्ट्रीय अखंडता और क्षेत्रीय विकास को नई गति देगी। योगी ने बैठक से पूर्व काशी विश्वनाथ और संकट मोचन मंदिर में पूजा-अर्चना कर लोक कल्याण की कामना भी की।

बैठक के प्रमुख मुद्दे और निर्णय
1. सीमावर्ती सुरक्षा और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों पर फोकस
बैठक में विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और सीमावर्ती विवादों के समाधान पर चर्चा हुई। राज्यों के बीच सीमा विवादों को केंद्र की मध्यस्थता में सुलझाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
2. महिला-बाल कल्याण और त्वरित न्याय व्यवस्था
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की त्वरित जांच के लिए विशेष अदालतों की स्थापना पर सहमति बनी। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा और न्याय की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया गया।
3. प्राकृतिक संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग और पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन पर जोर देते हुए इकोलॉजी और इकोनॉमी में सामंजस्य की रणनीति बनाई गई। जल विवादों के समाधान और साझा जल संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण पर चर्चा हुई।
4. ग्रामीण बुनियादी ढांचे और बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार
बैठक में निर्णय लिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिले। इसके अतिरिक्त, सड़क और परिवहन नेटवर्क के विस्तार पर भी विचार किया गया।
5. संपत्ति विवाद और प्रशासनिक समन्वय
राज्यों के बीच संपत्ति और भूमि विवादों को सुलझाने के लिए एकीकृत तंत्र विकसित करने पर सहमति बनी। यह प्रशासनिक पारदर्शिता और राजस्व सुधारों के लिए अहम माना गया।
काशी: आयोजन स्थल और सांस्कृतिक संदेश
वाराणसी में इस बैठक का आयोजन अपने आप में एक सांस्कृतिक संदेश लेकर आया। योगी आदित्यनाथ ने इसे “राष्ट्रीय एकता का प्रतीक” बताया। बैठक के माध्यम से काशी की वैश्विक पहचान और आध्यात्मिक महत्ता को भी नया आयाम मिला।

निष्कर्ष
मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक न केवल चार राज्यों के बीच नीतिगत समन्वय और विकास की साझेदारी को मजबूत करने वाली साबित हुई, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर संघीय ढांचे को सुदृढ़ करने का भी संकेत है। विभिन्न प्रस्तावों और सहमतियों के माध्यम से यह बैठक क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक मील का पत्थर बनकर उभरी है।
