लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी पार्टी “अपना जनता पार्टी” के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार की स्कूलों को मर्ज (विलय) करने की नीति के खिलाफ दारुल शफा, हजरतगंज में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
विधानसभा की ओर बढ़ने से पहले पुलिस ने रोका
प्रदर्शन के दौरान जब स्वामी प्रसाद मौर्य और कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़ने लगे, तो पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इस दौरान नारेबाजी और जमकर हंगामा भी देखने को मिला।
क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य?
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार पर शिक्षा विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा—
“यह बेहद अफसोसनाक है कि भाजपा सरकार स्कूलों को बंद कर रही है और मधुशाला खोल रही है।“
उन्होंने सरकार से “एक राष्ट्र, एक शिक्षा नीति” लागू करने की मांग की और कहा कि—
“दिन-प्रतिदिन आबादी बढ़ रही है, ऐसे में स्कूलों की संख्या बढ़नी चाहिए, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है।”
पिछड़ों और गरीबों को टारगेट करने का आरोप
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार जानबूझकर गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा से दूर करना चाहती है। उनका कहना था—
“भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीबों और कमजोरों के बच्चे पढ़-लिख सकें।”
“स्कूलों के मर्जर के नाम पर पिछड़ी जाति के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश रची जा रही है।“
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि—
“न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी — यानी जब स्कूल ही नहीं रहेंगे, तो शिक्षकों की भर्ती भी नहीं करनी पड़ेगी और सरकार पिछड़ी जातियों को नौकरियों से दूर रख सकेगी।”
विरोध प्रदर्शन के पीछे की मांग
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि:
यूपी में स्कूलों का मर्जर बंद किया जाए।
सभी बच्चों को समान शिक्षा उपलब्ध कराई जाए।
“एक राष्ट्र, एक शिक्षा नीति” को लागू किया जाए।
स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाए और नए शिक्षक भर्ती किए जाएं।