
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित जेपीएनआईसी (JPNIC – जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) को लेकर योगी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। गुरूवार को हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में जेपीएनआईसी की संचालन समिति “JPNIC सोसायटी” को भंग कर दिया गया और इस पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंप दी गई है।
समाजवादी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है JPNIC
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में इस इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया था। उस वक्त इस प्रोजेक्ट को सपा सरकार ने अपना “ड्रीम प्रोजेक्ट” बताया था। इसके संचालन और देखरेख के लिए एक विशेष “जेपीएनआईसी सोसायटी” बनाई गई थी।
विवादों में रहा JPNIC
जेपीएनआईसी का निर्माण पूरा होने के बाद भी लंबे समय तक यह संचालन में नहीं आ सका और लगातार विवादों में बना रहा। प्रोजेक्ट के उपयोग, रख-रखाव और उद्देश्य को लेकर कई बार सवाल खड़े हुए।
अब योगी सरकार ने स्पष्ट फैसला लेते हुए न सिर्फ सोसायटी को भंग किया है, बल्कि इसकी संचालन और मेंटिनेंस की पूरी जिम्मेदारी एलडीए को सौंप दी है। एलडीए अब इस संस्थान को पूरी तरह से संचालित, संरक्षित और मेंटेन करेगा।
क्या है JPNIC?
जेपीएनआईसी एक अत्याधुनिक और विशाल संस्थान है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों, सम्मेलनों और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए बनाया गया था। इसमें सभागार, प्रदर्शनी कक्ष, लाइब्रेरी, कांफ्रेंस हॉल सहित कई प्रमुख सुविधाएं मौजूद हैं।
आगे की योजना
योगी सरकार का कहना है कि अब एलडीए के जरिए इस परियोजना का सकारात्मक और उपयोगी उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे जनता और प्रदेश को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।
यह फैसला सपा और भाजपा के बीच लंबे समय से चले आ रहे इस संस्थान को लेकर टकराव पर भी विराम लगाता है और भविष्य में इसके बेहतर उपयोग का रास्ता खोलता है।
