
उत्तर प्रदेश से मानसून की टर्फ लाइन खिसक कर मध्य प्रदेश की ओर चली गई है, जिससे प्रदेश में बारिश की गतिविधियां कमजोर हो गई हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटे में मानसून दोबारा सक्रिय हो सकता है, जिससे बारिश की संभावना बढ़ेगी। इस समय केवल आंशिक वर्षा की ही संभावना है।
रविवार को कानपुर में कहीं-कहीं हल्की और स्थानीय बारिश हुई। शहर के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग समय पर वर्षा देखने को मिली। नौबस्ता में 19 मिमी और सिविल लाइंस में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई। चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में सुबह 8:30 बजे तक केवल 7 मिमी बारिश हुई, वहीं एयरफोर्स स्टेशन चकेरी में 24 मिमी वर्षा दर्ज की गई। शहर के दक्षिणी क्षेत्रों जैसे साकेत नगर, गोविंद नगर और पनकी में अधिक बारिश देखने को मिली जबकि अन्य जगहों पर बौछारें ही पड़ीं।
आगरा में उमस ने बढ़ाई परेशानी
आगरा में बीते दो दिनों से बारिश नहीं होने के चलते उमस और तापमान ने लोगों को बेहाल कर रखा है। रविवार को अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27.8 डिग्री दर्ज किया गया। आर्द्रता 91% तक रही। धूप और नमी की वजह से दिनभर गर्मी और चिपचिपाहट महसूस की गई। सोमवार को थोड़ी राहत देने वाली बारिश की संभावना जताई गई है, लेकिन उसके बाद मौसम फिर सूखा रह सकता है।
आईएमडी ने गरज-चमक को लेकर शुरू किया सर्वेक्षण
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मौसम से जुड़ी चेतावनियों की प्रभावशीलता और लोगों तक जानकारी पहुंचने की स्थिति को जानने के लिए एक सर्वे शुरू किया है। इस सर्वे के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जनता को गरज-चमक, बिजली और आंधी-तूफान जैसी घटनाओं की चेतावनी कितनी पहले मिलती है और ये कितनी विश्वसनीय होती हैं।
सर्वे में सवाल पूछे जा रहे हैं जैसे – आपको कितनी पहले चेतावनी मिलती है? कौन से ऐप (दामिनी, मौसम, सचेत) या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सूचना मिलती है? चेतावनी कितनी उपयोगी या सटीक होती है?
मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार, यह सर्वे आम लोगों तक मौसम की सटीक जानकारी पहुंचाने में बेहद मददगार हो सकता है, खासकर जलवायु परिवर्तन के दौर में जब मौसम की गतिविधियां पहले से अधिक अस्थिर हो गई हैं।
