पीएम मोदी के राम मंदिर जाने का रूट फाइनल हो गया है। रामपथ पर रोड शो में स्वस्ति वाचन और पुष्प वर्षा से उनकी शाही अगवानी होगी। इस दौरान शंख और घंटा घड़ियाल की मधुर ध्वनि गूंजेगी। सांस्कृतिक उत्सव में लोक कलाकार रंगारंग प्रस्तुति देंगे। आगे पढ़ें पूरी जानकारी
रामनगरी अयोध्या स्थित राम मंदिर में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने का रूट एसपीजी की मंजूरी के बाद फाइनल हो गया है। पीएम मोदी 25 नवंबर को महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से साकेत कॉलेज में बने हेलीपैड पर आएंगे। यहां से रामपथ से होते हुए जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य द्वार से श्रीराम जन्मभूमि में प्रवेश करेंगे। रामनगरी अयोध्या स्थित राम मंदिर में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने का रूट एसपीजी की मंजूरी के बाद फाइनल हो गया है। पीएम मोदी 25 नवंबर को महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से साकेत कॉलेज में बने हेलीपैड पर आएंगे। यहां से रामपथ से होते हुए जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य द्वार से श्रीराम जन्मभूमि में प्रवेश करेंगे।
सात स्थानों पर सांस्कतिक कार्यक्रम होगा
साकेत महाविद्यालय से रामजन्मभूमि के गेट नंबर-11 यानी जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य द्वार तक रामपथ के दोनों ओर खड़े अयोध्यावासी पुष्पवर्षा के माध्यम से पीएम का अभिनंदन करेंगे। स्वागत के लिए 12 मंच बनाए जाएंगे। वहां से पुष्प वर्षा की जाएगी। स्वागत पथ पर सात स्थानों पर सांस्कतिक कार्यक्रम होगा।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव का भी आयोजन होगा। इस उत्सव में भारतीय परंपराओं, अध्यात्म और लोक कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर संगीत, नृत्य, लोक कलाओं व पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुतियां मुख्य आकर्षण होंगी। भजन गायन से लेकर ब्रज की पारंपरिक लोक धुनों तक और प्रदेश के विभिन्न अंचलों के लोक गायन दल अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुरों में पिरोकर प्रस्तुत करेंगे। शहनाई, सारंगी, पखावज, बांसुरी, सरोद और सितार जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की विशेष प्रस्तुतियां आयोजन को आध्यात्मिक आभा से आलोकित करेंगी। संस्कृति विभाग के प्रयास से ध्वजारोहण कार्यक्रम के साक्षी बन रहे लोगों को प्रदेश के पारंपरिक लोक नृत्य और शास्त्रीय कलाओं की अद्भुत छटा देखने को मिलेगी।
प्रदेश के विविध सांस्कृतिक रंग भव्य शोभायात्रा के रूप में नजर आएंगे। एक ही मंच पर मयूर, राई, फरूवाही, बधावा, अवधी, करमा, ढेढिया, धोबिया, कहरवा, वनटांगिया और बारहसिंहा जैसे लोकनृत्य इस आयोजन का विशेष आकर्षण होंगे। शास्त्रीय नृत्य की श्रेणी में कथक की मनोहारी प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगी।
अपने बिजनेस को दें नई उड़ान… विज्ञापन के लिए हमसे करें संपर्क…
साथ ही अपने आस पास की खबरों को करें हमसे साझा ।
हमारा फोन नंबर- +91 92143 83046
