
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा अचानक दिया गया इस्तीफा अब देश की राजनीति में कई सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया, लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इससे इत्तेफाक नहीं रखते। राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने इसे सीधे बिहार की राजनीति से जोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि एक खास नेता को जगह देने के लिए धनखड़ से पद छोड़वाया गया।
‘बिहार के नेता के लिए हटाए गए धनखड़’ – रावत का दावा
एएनआई से बातचीत में रावत ने कहा कि इस्तीफे का समय और तरीका बहुत ही अप्रत्याशित था और इसके पीछे कोई सामान्य कारण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने संभवतः एक विशेष व्यक्ति को ‘एडजस्ट’ करने के लिए धनखड़ को पद छोड़ने का संकेत दिया।
‘भाजपा का गठबंधन असहज, इसलिए ली गई कुर्बानी?’
रावत के अनुसार, भाजपा का बिहार में एक प्रमुख नेता को लेकर गठबंधन में खिंचाव है, और उसी को संभालने के लिए यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, “सूत्रों से जो नाम सामने आ रहे हैं, वे सभी किसी न किसी रूप में बिहार से संबंधित हैं और राज्य में आगामी चुनावों को प्रभावित करने वाले हैं।”
‘इस्तीफे का तरीका दर्शाता है पूर्व-निर्धारित स्क्रिप्ट’
हरीश रावत ने इस घटनाक्रम को एक ‘स्क्रिप्टेड’ कदम बताया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति दिनभर व्यस्त रहे, उनकी राजस्थान यात्रा समेत कई कार्यक्रम तय थे, फिर अचानक देर शाम इस्तीफा दे देना कई सवाल खड़े करता है। “यह पूरा घटनाक्रम ऐसे प्रतीत होता है मानो पहले से ही सब तय था,” रावत ने जोड़ा।
उन्होंने कहा, “इस्तीफा क्यों हुआ, इसके पीछे की असली वजह प्रधानमंत्री या स्वयं धनखड़ ही स्पष्ट कर सकते हैं, लेकिन इसकी टाइमिंग और ढंग वाकई गहरे राजनीतिक संकेत देते हैं।”
