
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक दलित नाबालिग लड़की को अगवा कर केरल ले जाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और फिर उसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश रची गई थी। इस मामले में प्रयागराज पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कई अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
दोस्त बनाकर बच्ची को फंसाया गया, फिर रची गई पूरी साजिश
प्रयागराज के एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल शर्मा ने इस मामले में खुलासा करते हुए बताया कि
- एक महिला ने पहले नाबालिग लड़की से दोस्ती की,
- फिर उसके ज़रिए लड़की के मन में धर्म परिवर्तन के प्रति रुचि जगाई गई,
- और फिर उसे अपने नेटवर्क के जरिए अगवा कर प्रयागराज रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया।
रास्ते में एक युवक ने बच्ची के साथ आपत्तिजनक हरकतें भी कीं, जिससे वह असहज हो गई, लेकिन विरोध करने पर उसे बहलाकर शांत करा दिया गया।
दिल्ली से केरल तक का सफर और बदल दी गई ज़िंदगी
पुलिस के मुताबिक, बच्ची को पहले दिल्ली ले जाया गया, जहां उसकी मुलाकात कुछ और संदिग्ध लोगों से करवाई गई।
इसके बाद उसे केरल पहुंचाया गया, जहाँ उसका धर्म परिवर्तन कराया गया।
वहीं, उसे कथित तौर पर एंटी-नेशनल नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी चल रही थी।
पुलिस का कहना है कि यह एक संगठित साजिश का हिस्सा था, जिसमें बच्चियों को टारगेट कर उनका माइंडसेट बदलकर देश विरोधी गतिविधियों में धकेलने की साजिश थी।
दो आरोपी गिरफ्तार, कई अन्य की तलाश जारी
अब तक की जांच में दो प्रमुख आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
उनसे पूछताछ के आधार पर पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
- इनमें से कुछ संदिग्ध उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं,
- जबकि कुछ केरल के विभिन्न हिस्सों से जुड़े हुए हैं।
प्रयागराज पुलिस की टीमें इन संदिग्धों को पकड़ने के लिए अन्य राज्यों में रवाना हो चुकी हैं।
एडिशनल सीपी ने दी विस्तृत जानकारी
एडिशनल सीपी अजय पाल शर्मा ने एक निजी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा:
“हमें सूचना मिली थी कि प्रयागराज की एक दलित नाबालिग लड़की लापता है और उसे किसी तरह प्रलोभन देकर केरल ले जाया गया है। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि उसे धर्म बदलवाकर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल करने की योजना थी।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्दी ही संपूर्ण नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।
संदिग्ध नेटवर्क और आतंकी एंगल की जांच शुरू
पुलिस अब इस मामले में आतंकी साजिश और संगठित गिरोह की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है।
ऐसा माना जा रहा है कि यह कोई एकल घटना नहीं, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा कन्वर्ज़न और कट्टरपंथी नेटवर्क हो सकता है, जो नाबालिगों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन और आतंक से जोड़ने का काम कर रहा है।
सरकारी एजेंसियों की भी नजर
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अब राज्य और केंद्र की खुफिया एजेंसियां भी इस केस से जुड़ गई हैं।
NIA या ATS द्वारा भी जांच अपने हाथ में लेने की संभावना है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
निष्कर्ष: एक नाबालिग के जरिए उजागर हुई देश विरोधी मानसिकता
यह मामला न केवल एक मासूम बच्ची की जिंदगी से खिलवाड़ का है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे कट्टरपंथी मानसिकता और संगठित नेटवर्क समाज के कमजोर वर्गों को धर्म और आतंक की आड़ में निशाना बना रहे हैं। प्रयागराज पुलिस की तत्परता ने एक बड़ी साजिश को वक्त रहते रोक दिया है, लेकिन इससे यह भी स्पष्ट है कि ऐसी षड्यंत्रकारी ताकतों के खिलाफ सतर्कता और कठोर कार्रवाई बेहद जरूरी है।
