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देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने जन्मदिन के विशेष अवसर पर उत्तराखंड के देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईवीएच) पहुंचीं। यहाँ दिव्यांग बच्चों के साथ समय बिताते हुए वह भावुक हो गईं, जब बच्चों ने उनके सम्मान में ‘तुम जियो हजारों साल…’ गीत गाया। इस गीत को सुनकर राष्ट्रपति की आंखें भर आईं और वे बार-बार अपने चश्मे को उतारकर आंसू पोंछती नजर आईं। कार्यक्रम का दृश्य देखकर मौजूद सभी लोग भी भावुक हो उठे।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मंच पर उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति का संबोधन: दिव्यांगजनों के सम्मान से तय होती है समाज की प्रगति
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी देश या समाज की प्रगति का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाना चाहिए कि वह अपने दिव्यांग नागरिकों के साथ कैसा व्यवहार करता है। भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता की प्रेरक घटनाओं से भरा पड़ा है।
उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान के तहत सरकार एक ऐसा परिवेश तैयार करने का प्रयास कर रही है, जहां दिव्यांगजनों को सुलभ शिक्षा, परिवहन, सूचना व संचार की सुविधाएं समान रूप से मिल सकें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान आधुनिक तकनीक और समावेशी शिक्षा प्रणाली के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य कर रहा है।
दिव्यांगों को प्रोत्साहन देने की अपील
राष्ट्रपति ने समाज से आह्वान किया कि जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि वे भी मुख्यधारा में समान भागीदारी कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यह विज्ञान और तकनीक का युग है, और आज के संसाधनों की मदद से दिव्यांगजन भी देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
125 वर्षों के राजभवन नैनीताल पर विशेष डाक टिकट जारी
कार्यक्रम के एक विशेष हिस्से में, राष्ट्रपति ने राजभवन नैनीताल के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट भी जारी किया। इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय स्मृति में स्थान दिलाना गौरव की बात है।
