
श्रावण मास यानी सावन का पावन आरंभ इस वर्ष 11 जुलाई 2025, शुक्रवार से हो रहा है। यह महीना भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस मास में विधिपूर्वक शिव पूजन, सोमवार व्रत और रुद्राभिषेक से व्यक्ति को संतान सुख, मनचाहा वर/वधू, तथा सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
सावन कब से कब तक रहेगा?
सावन की शुरुआत 11 जुलाई से होगी और समापन 9 अगस्त 2025 को होगा। इस पूरे मास में सोमवार व्रत और मंगलवार को मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व रहेगा।
सावन पहले दिन शिव पूजन के शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:10 AM से 04:51 AM
- अभिजीत मुहूर्त: 11:59 AM से 12:54 PM
- विजय मुहूर्त: 02:45 PM से 03:40 PM
- संध्याकालीन मुहूर्त: 07:21 PM से 07:41 PM
भगवान शिव पूजन विधि:
- सूर्योदय से पूर्व स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शहद, दही, घी, चंदन, गंगाजल, और अक्षत चढ़ाएं।
- घी का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें।
- शिव चालीसा का पाठ करें और आरती करें।
भगवान शिव के प्रिय मंत्र:
- पंचाक्षर मंत्र: “ॐ नमः शिवाय”
- महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
भगवान शिव के प्रिय भोग:
- खीर, मालपुआ, ठंडाई
- पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर)
- सफेद मिठाई व मौसमी फल
भगवान शिव की आरती – “ॐ जय शिव ओंकारा”:
आरती में भगवान शिव के विभिन्न रूपों का गुणगान किया गया है – जैसे पंचानन स्वरूप, अक्षमाला धारक, मुण्डमालाधारी, त्रिशूलधारी, कैलाशवासी, गंगाधर आदि। आरती का पूरा पाठ श्रद्धापूर्वक गाकर पूजन संपन्न करें।
“ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥”
(पूरी आरती उपरोक्त मूल स्रोत में उपलब्ध है)
विशेष ध्यान दें:
सावन का पहला दिन और सोमवार का व्रत शुभ संयोग लेकर आता है। यदि आप सोलह सोमवार व्रत करना चाहते हैं तो उसकी शुरुआत भी पहले सोमवार (14 जुलाई 2025) से करें।
