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चित्रकूट के मऊ कस्बे से परदवां गांव को जोड़ने वाले मार्ग पर मडीयरा नाले में निर्माणाधीन पुल की स्लैब गिरने के मामले में योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। घटना के चार दिन बाद पीडब्ल्यूडी के तीन अवर अभियंताओं (जेई) को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि सहायक अभियंता (एई) को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है।
ठेकेदार और शटरिंग कर्मी हिरासत में
पुल निर्माण कार्य में लापरवाही के आरोप में ठेकेदार दलबीर सिंह और शटरिंग लगाने वाले भीम सिंह बांदा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दोनों के खिलाफ मऊ थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता श्यामलाल की तहरीर पर की गई।
घटना कैसे घटी
करीब 2.41 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-1 द्वारा कराया जा रहा है। मंगलवार को दो पिलरों के बीच लोहे का जाल बिछाकर स्लैब डाली गई थी। लेकिन अगले ही दिन 24 घंटे के भीतर वह स्लैब शटरिंग और जाल समेत भरभराकर गिर गई, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए।
विधायक और डीएम ने किया निरीक्षण
घटना की जानकारी मिलने के बाद चित्रकूट के डीएम शिवशरणप्पा जीएन और क्षेत्रीय विधायक अविनाशचंद्र द्विवेदी ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया। विधायक पहले ही मऊ-परदवां मार्ग पर बन रहे पुलों की गुणवत्ता को लेकर पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखकर आगाह कर चुके थे। डीएम ने मौके पर ही ठेकेदार की लापरवाही को घटना का प्रमुख कारण बताया।
विभागीय कार्रवाई जारी
अधिशासी अभियंता अखिलेश कुमार के अनुसार, प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निर्माण कार्य तुरंत रोक दिया गया है और पूरे मामले की जांच जारी है। जल्द ही रिपोर्ट के आधार पर और भी कार्रवाई की जा सकती है।
