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अमेरिका में शशि थरूर का ट्रंप पर तीखा प्रहार: “असमान देशों के बीच सुलह की बात बेमानी”
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर सख्त टिप्पणी की है जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया था। थरूर ने दो टूक कहा कि जब दोनों पक्ष समान स्थिति में नहीं हों, तो सुलह या मध्यस्थता की बात ही आधारहीन हो जाती है, खासकर तब जब एक देश आतंकवाद को बढ़ावा देता हो और दूसरा उसका निशाना बनता हो।
वॉशिंगटन में थरूर का तीखा बयान
‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के मंच से बोलते हुए थरूर ने कहा:
“हम ‘मध्यस्थता’ जैसे शब्द को कभी भी मान्यता देने को तैयार नहीं हैं। जब कोई पक्ष ‘ब्रोकर’ बनने की बात करता है, तो वह दोनों देशों को एक स्तर पर रखता है, जो वास्तविकता से कोसों दूर है।”
उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ़ ऐसा देश है जो आतंकियों को शरण देता है, जबकि दूसरी ओर भारत जैसा लोकतांत्रिक देश है, जिसे निरंतर आतंक का सामना करना पड़ता है — ऐसे में तुलना करना ही अनुचित है।
ट्रंप के दावे पर सीधा खंडन
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम में कोई भूमिका निभाई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष से हस्तक्षेप या सुलह की मांग नहीं की है। भारत आत्मनिर्भर है और अपने हितों की रक्षा स्वयं करना जानता है।
भारत की नीति: आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस
थरूर ने यह भी साफ़ कर दिया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का पोषण करता रहेगा, भारत उसके साथ बातचीत को तैयार नहीं होगा। उन्होंने कहा:
“हम उनसे बातचीत नहीं कर सकते जिनके हाथ में हमारे खिलाफ बंदूक है। पहले हिंसा बंद हो, तब ही कोई सार्थक संवाद संभव है।”
निष्कर्ष
शशि थरूर ने अमेरिका में स्पष्ट कर दिया कि भारत को किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। उन्होंने ट्रंप के बयानों को खारिज करते हुए भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ उसके अडिग रुख को दोहराया।
