खोखरीडाड़ टोला के राम खेलावन और रामकिशुन के घर की खुशियां लौट आई हैं। बिल्ली मारकुंडी में खनन हादसे के बाद दोनों परिवार में मातम का माहौल था।
उनके स्वजन उनकी तलाश में कभी हादसा स्थल तो कभी पोस्टमार्टम हाउस की दौड़ लगाते रहे। दो शवों को भी देखा लेकिन वह उनके नहीं निकले। मंगलवार की शाम जब दोनों अपने घर लौटे तो उनके स्वजन में खुशी का ठिकाना न रहा। दोनों अहराैरा पत्थर खदान में काम करने गए थे।
रामखेलावन और रामकिशुन ने बताया कि वे दोनों कंप्रेशर का काम करते हैं। दो नवंबर रविवार को कंप्रेशर मशीन चलाने के लिए घर से निकले थे और रात्रि ओबरा में अजय राय के यहां सोए। फिर तीन नवंबर की सुबह अहरौरा पत्थर खदान में काम करने के लिए चले गए। घर बता कर गए थे कि रविवार को लौटेंगे। लेकिन नौ नवंबर रविवार को घर नहीं गए। वहीं काम करते थे। इस बीच 15 नवंबर शनिवार को बिल्ली मारकुंडी के कृष्णा माइनिंग वर्क्स की खदान में पहाड़ी धसकने से हादसा हो गया। सात श्रमिक दबकर मर गए। हादसे की जानकारी दोनों के स्वजन को हुई तो वे परेशान हो गए। उनके परिजन बिल्ली मारकुंडी घटना स्थल पर भी पहुंचे थे। इसके साथ ही रामखेलावन की पत्नी दशमतिया और रामकिशुन की पत्नी मानमती पोस्टमार्टम हाउस तक उनकी तलाश में पहुंच गईं।
तलाश की जाए।
मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस में उन्होंने दो शव भी देखा। दोनों ने बताया कि वे अपने पतियों को तलाश रही हैं। शाम को घर लौटीं तो कुछ ही देर बाद उनके पति भी घर आए। उन्हें देखकर स्वजन ने राहत की सांस ली। उधर जुगैल थाना पुलिस जानकारी होते ही बुधवार की सुबह रामखेलावन और रामकिशुन के घर पहुंच गई। वहां से उन्हें पूछताछ के बाद उनके घर छोड़ गई।
जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि दोनों की तलाश की जाए। इस पर सीओ ओबरा हर्ष पांडेय के नेतृत्व में जुगैल थाना पुलिस दोनों के घर पहुंची तो रामखेलावन और रामनरेश उर्फ राम किशुन स्वस्थ्य अवस्था में मिले।
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