देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पेपर लीक मामले में एसआईटी ने आयोग पहुंचकर अधिकारियों से पूछताछ की। एसआईटी ने पेपर लीक के मुख्य आरोपी खालिद से जुड़े दस्तावेज भी तलब किए। टीम ने परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी के पदाधिकारियों से भी जानकारी हासिल की। मामले में पहले ही मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वहीं, इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बयान दिया है। सीएम धामी ने कहा कि एक सेंटर पर एक बात आई है कि कुछ नकल जैसी चीज हुई है। उसके लिए SIT का गठन कर दिया। छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात कर कहा था कि इसकी जांच होनी चाहिए। हम भी मानते हैं कि कहीं कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच होनी चाहिए। नकल में जो भी शामिल हैं उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
दूसरी तरफ परेड ग्राउंड के बाहर चल रहा बेरोजगार संघ का प्रदर्शन लगातार बड़ा रूप ले रहा है। शुक्रवार को संघ से जुड़े युवाओं को समझाने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह धरना स्थल पहुंचे, लेकिन युवा नहीं माने और प्रकरण की सीबीआइ जांच की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि वह भी सामान्य परिवार से निकलकर आए हैं, ऐसे में युवाओं की संवेदनाओं को समझते हैं। जहां तक पेपर आउट होने का मामला है तो इस पूरे मामले की एसआइटी विवेचना कर रही है।
मामले की विवेचना अधिकारी और ऋषिकेश की पुलिस अधीक्षक जया बलूनी ने बताया कि जांच में मिले साक्ष्यों से स्पष्ट है कि खालिद, हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र में किसी तरह का उपकरण लेकर गया था, जिससे उसने प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की फोटो खींचकर अपने मोबाइल फोन पर भेजी जो साबिया के पास था।
उन्होंने बताया कि साबिया ने खालिद के फोन से ये प्रश्न टिहरी में सहायक प्रोफेसर सुमन के फोन पर भेजे और उनसे उत्तर प्राप्त किए। बलूनी ने कहा, ‘‘साबिया ने खालिद को परीक्षा में नकल कराने के उद्देश्य से सुमन को प्रश्नपत्र की फोटो भेजी और उत्तर हासिल किए। इसलिए प्रकरण में उसकी भूमिका को देखते हुए उसे गिरफ्तार किया गया है।
