
उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश में बने कम दबाव के क्षेत्र ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के मौसम को पूरी तरह बदल दिया है। इसी प्रभाव के चलते सोमवार को पूरे दिन घने बादल छाए रहे और रुक-रुककर झमाझम बारिश होती रही। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले पांच दिनों तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा।
हालांकि, मध्य प्रदेश में बना दबाव क्षेत्र अब कमजोर पड़ चुका है, जिससे मंगलवार को बारिश की तीव्रता में थोड़ी गिरावट आ सकती है। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक और नया और अधिक प्रभावशाली कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है। इसके असर से बुधवार और गुरुवार को गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और महराजगंज समेत पूर्वी यूपी के अधिकांश इलाकों में फिर से मूसलधार बारिश की संभावना जताई गई है। अनुमान है कि अगले पांच दिनों में करीब 100 मिमी अतिरिक्त बारिश हो सकती है।
सोमवार को जिले में रिकॉर्ड 74.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस सीजन की अब तक की सबसे भारी वर्षा रही। इसके साथ ही जुलाई में अब तक हुई कुल वर्षा में 80% का इजाफा हुआ है। हालांकि बारिश से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली, लेकिन शहर के विभिन्न इलाकों में जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ।
जुलाई में सामान्य से काफी कम वर्षा हुई थी — जिले में 408.6 मिमी की औसत के मुकाबले अब तक सिर्फ 130.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से लगभग 65% कम है। शहर में भी 48% कम बारिश हुई है।
तापमान में भी आई गिरावट
सोमवार को भारी बारिश के कारण दिन के तापमान में 4.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री रहा, जो सामान्य से 3.4 डिग्री नीचे था, जबकि न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
नदियों का बढ़ता जलस्तर बना चिंता का कारण
लगातार बारिश के चलते राप्ती और सरयू नदियों का जलस्तर भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। सोमवार तक राप्ती नदी का जलस्तर 18 सेंटीमीटर और सरयू का 15 सेंटीमीटर बढ़ा। हालांकि दोनों नदियां अभी भी खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही हैं, फिर भी सिंचाई विभाग द्वारा निगरानी बढ़ा दी गई है।
